Sunday, October 20, 2024

राधा के होंठ
गुनगुनाते फाग
बांसुरी मौन।

राधा का गीत,
नाच रहे मोहन,
कुंज दें ताल।

प्रेम का रंग,
राधा और मोहन,
एक रंगे हैं।

कृष्ण रंग हैं,
गोरी  राधारानी जी,
श्याम हो गईं।

~~~~ सुनिल #शांडिल्य

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