कोई एक सपना मेरी देह
ऊर्जास्वित कर देता है
नींद तरंगित और मेरा हृदय
अलौकिक कर देता है
याद तुम्हारी आती है तो
खुद से बतिया लेता हूं
नाम तुम्हारा गंदोधक सा,
मन प्रफुल्लित कर देता है
----- सुनिल श्रीगौड
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