प्रेम ये निश्चल निस्वार्थ हमारा है
ये स्नेह अपना सबसे प्यारा है
तेरी दोस्ती से मिली है शोहरत हमको
वरना दुनिया में कौन हमारा है
हैं जो अनमोल दोस्ती का मोह अपना
यही मोह तो सबसे न्यारा है
चढ़े दोस्ती के हमपे पक्के रंग हैं
जब से हम तुम संग हैं
---- सुनिल श्रीगौड
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