Sunday, April 18, 2021

 बांध लीया है जब तुमसे रूह का बन्धन

तो इजहार ए मुहब्बत को अल्फाजो की 

जरुरत नहीं 


कोई तो बात है तेरे इकरार में ए दोस्त

अब हमें रात भर शम्मा की ज़रूरत नहीं


बस ये मान लो तुम की तेरे दीदार से

पहले तो हमें साँसों की भी ज़रूरत नहीं


----- सुनिल श्रीगौड

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