ज़िन्दगी भर तेरा साथ हो
यही आरजू मेरी दिन रात हो
मैं तो सदा तेरे संग संग ही चलूँ
तू गर इस सफर में मेरे साथ हो
मैं तो कांटो पर भी चल पडूंगा
तेरे प्यार की जब बारसत हो
तेरे_बिन कलम भी प्यासी है
संग तेरे ही सारे अल्फ़ाज़ हों
---- सुनिल श्रीगौड
No comments:
Post a Comment