Monday, April 26, 2021

दिल चिरागों सा मेरा जलता रहे

चाहे वक्त हर पल बदलता रहे


तुम कभी ना हाथ छोड़ना मेरा    

कारवां बस यूँ ही चलता रहे


तेरी निस्वार्थ प्रीत के बंधन में बंध

मेरा दिल यूँही मचलता रहे


थाम ले हाथ मेरा ज़ोर से

ये सफर सुहाना ढलता रहे


----- सुनिल शांडिल्य

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