Tuesday, April 27, 2021

 तेरी वफ़ा के रंग से मैंने 

रंग लिया है खुद को


अब जाने नहीं दूंगा कभी तुमको

अपने साथ बांध लिया है तुझको


हर सांझ करता हूँ मैं इंतज़ार तेरा 

सिवा तेरे कुच्छ सूझता नहीं मुझको


ना समा पायेगा कोई दिल में

अब दिल के दरवाजे बंद हैं


---- सुनिल शांडिल्य

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