सुनो
आज बादल बहुत हैं मेरे यहां
सरसराती गुलाबी सी हवा चल रही है
हल्की बारिश भी हो रही
शायद कल तेरे यहां भी यही बादल थे यही हवा थी
ऐसा लगता है जैसे ये छूकर आए हो कल तुम्हें
और आज वही हवा मुझमें लिपट रही हो
मेरे कानों में कह रही हो
मैं आई हूं तेरे इश्क की खुशबू लेकर
---- सुनिल शांडिल्य
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