Thursday, April 8, 2021

सपनों से कोई फिरौती जब कभी अंधेरा मांगे 

तब सृष्टि के आँगनमें - हर दिशा सवेरा माँगे 

इक बार उनकी जादुई छुअन ने प्राण दिये थे मुझको 

ये धड़कन उसी छुअनका पावन पगफेरा माँगे 


---- सुनिल श्रीगौड

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