Wednesday, April 7, 2021

 पलकों की चिलमन उठा कर

यादों के झरोखों से

कुछ मोती चुरा लाया हूँ 


सजानी है नए ख्वाबों की महफिल

सुनो..मै तुम्हे बुलाने आया हूँ 


बिताए थे कल जो पल संग हमने

सुनो..मै उन्हे फिरसे जीने आया हूँ 


किया था जो वादा तुमने 

सुनो...उसे पूरा करवाने आया हूँ 


---- सुनिल श्रीगौड

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