Tuesday, May 18, 2021

 तू जो नहीं है तो मुझमें कुच्छ कमी है 

 चेहरे पर झूठी हंसी पर आँखों में नमी है


ख्वाबो में ख्यालों में तेरा ही दीदार है 

मुझे अब भी तेरा ही इंतज़ार है 


तुम अब चल पड़ी हो तुम अब आ रही हो

इन्हीं उलझनों में यूँ दिल मेरा बेकरार है


----- सुनिल शांडिल्य

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