Wednesday, May 19, 2021

 तेरी चाहत का वो मौसम 

सुहाना याद आया


तेरा मुस्कुरा करके वो नजरें 

झुकाना याद आया


तुझे देखने की खातिर जो 

अक्सर गुनगुनाते थे


वो नगमा आशिकाना आज 

फिर याद आया 


तुम चली गयी कब की छोड़ कर

जाने क्यों गुज़रा ज़माना याद आया


---- सुनिल शांडिल्य

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