अपनी शरारत भरी नज़रों से ,
मैं तुम्हारे नज़ाकत भरे चेहरे पर हया लिख दूंगा ..!
हो बंदगी से भी पाकीजा ..तुम.
हमारे पाक इश्क़ की ऐसी दास्ताँ लिख दूंगा ...!!
----- सुनिल शांडिल्य
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