तुम मेरा ख्वाब बन के रहो
बस तुम मेरी याद बन के रहो
मेरी जिंदगी के सवालों का
दोस्त तुम ही जबाब बन के रहो
कुछ ज्यादा नहीं मांगा तुमसे हमने
दोस्ती का उमड़ता सैलाब बन के रहो
जब तलक जिंदा हैं हम तब तलक
तुम मुझ में महज़ सांस बन के रहो
---- सुनिल शांडिल्य
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