फूलों से लिखें या बहारों से
नाम तुम्हारा लिख दूं मै चाँद सितारो से
बादल बताऊं तुम्हे या सावन की फुहार
आफताब हो तुम मेरे आसमां के
बात हरपल चलेगी दोस्ती की हमारी
रिश्ता ये मशहूर है जमाने मे
नाम जो हो गया शोहरत पा गया
जबसे तुम हम संग है
----- सुनिल शांडिल्य
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