Saturday, June 19, 2021

 क्या हुआ जो खोए से हैं रास्ते 

क्या हुआ जो अनजान ड़गर है 


क्या हुआ जो मंज़िल है लापता 

क्या हुआ जो वीरान सफर है 


डर मत हौसला रख 

बडा काम आएगा तेरे 


खुद का खुद में साथ 

रुक मत, आगे बढ़ 


अपने दिल के साथ 

खुदा की आजमाइश लिए 


ये तनहा सफर तेरे अकेले का नहीं 

उस खुदा का भी तो है 


---- सुनिल शांडिल्य

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