स्त्री को,
पढ़ सको तो पढ़ना,
शायद जान पाओ कि,
इस ब्रह्मांड से परे भी एक जटिलता है,
जिसे ईश्वर ने ममत्व के धागे से बुना है,
प्रेम के सबसे पवित्र रंग में रंगा हुआ धागा,
उसे छूने की कोशिश करना,
उसे धारण करने की कोशिश करना
अगर संपूर्णता से धारण कर सके,
तुम ईश्वर के समकक्ष हो जाओगे..
---- सुनिल शांडिल्य
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