Tuesday, June 29, 2021

 तुम उस किताब सी खूबसूरत हो

जिसके हर पन्ने पर मेरी नज़्म हो


जैसे कि 


बेखुद होकर मस्त हवाएं लहराए

आंचल तेरा मेरे चेहरे पे सज जाए


जादू हल्का हल्का सा छाए 

उफ्फ..ये तन मन मेरा मदहोश होता जाए


तेरे तन की खुशबू से मैं महक जाऊं

मेरे मन मंदिर में सिर्फ तुम बस जाओ ।।


---- सुनिल शांडिल्य

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