Saturday, June 5, 2021

 अब सफर कट जायेगा जब

तेरी दोस्ती का साथ है


मिल जायेगी मन्ज़िल भी हमें

हाथ में जो तेरा हाथ है


मैं भूल जाता हूँ गम-ऐ-ज़िंदगी को

होती जब तुमसे मुलाक़ात है


जब मिलते हैं हम दोनों आपस में

होती बेमौसम बरसात है


---- सुनिल शांडिल्य

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