Tuesday, June 8, 2021

 कब के अलविदा हम कह

चुके होते इस ज़िन्दगी को


ये ज़िन्दगी हमको यूँ प्यारी ना होती

गर इतनी प्यारी सोच तुम्हारी न होती


भटक रहे होते हम भी खिजां में

मुलाकात यूँ तुमसे जो हमारी न होती


बिन दोस्त ज़िन्दगी की गलियां तंग हैं

अगर तुम  हमारे संग ना होती 


---- सुनिल शांडिल्य

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