Wednesday, June 9, 2021

 वो सादगी से भरी निगाह

वो हजारों सवाल करती निगाह


कभी न खत्म होने वाली खामोशी

मेरे लफ्जों का न मिलने वाले वो शब्द


एक टक ठहरती नजरे तुझ पर 

वो हताश होकर देखने वाली नज़र


फिर कुछ न कहने वाली हिम्मत

तोड़ कर रख देती है मुझे 

तेरी ये दूरियों की मोहब्बत

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