गीत बनूं तेरे होंठों का
गुनगुना ले तू मुझे
अश्क बनूं तेरी आंखों का
बहा ले तू मुझे
मुस्कुराहट बनूं लब पे तेरे
खिलखिला ले तू मुझे
ख्वाब बनूं तेरी आंखों में
सजा ले तू मुझे
खुशबू बनूं तेरी रूह की
महका दे तू मुझे
खो जांऊ मैं तुझमें
अपना ले तू मुझे ..
---- सुनिल शांडिल्य
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