Tuesday, July 27, 2021

 रंग गोरा तेरा जब बरसाओगे मुझ पर

सांवला रंग मेरा भी छा जाएगा तुझ पर


मिलकर लिखेगे फिर नई कहानी हमपर

अहसासों की स्याही चढ़ाएंगे कोरे पन्नो पर


लिखेगे किताब हम दोनों ही फिर मिलकर

अहसास-ए-रूह रखे नाम किताब का मिलकर


---- सुनिल शांडिल्य

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