तेरी खातिर इस
दुनिया
का विष सारा पी लेंगे हम
तेरे सुख के लिये
स्वय
से निष्कासन भी लेंगे हम
तू चाहे अपना ले
मुझ को
चाहे तू तो ठुकरा दे....
तुझ से कोई एक
रिश्ता
तो है यही सोच जी लेंगे हम
---- सुनिल शांडिल्य
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