Tuesday, July 6, 2021

 शायरी नही जज्बात लिखता हूं

मै महफिलों मे भी

तेरा ही नाम लेता हूं


चाह न थी हमारी

शायर बनने की

इश्क ने बना दिया


तुम्हें चाहा था हमने

तुमने ही सीखा दिया 


कैसा हूं कौन हूं

ये शब्दो में लिखता हूं


मै आज भी

अधूरी कहानियां लिखता हूं


हर कहानी में किरदार

अपने साथ तुम्हारा लिखता हूं ।। 


---- सुनिल शांडिल्य

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