Thursday, July 8, 2021

 ना मैं कोई शायर ना कवि


लिखता हूं मन के भाव

अपनी प्रेयसी की जुदाई

उसका प्रेम♥️


उन अनमोल पलों से रचता हूं 

शब्दों का ताना बाना

पिरोता हूं उसे एक माला मे


लोग कहते फ़ालतू क्या क्या

उन्हे कैसे बताऊं


मै उनके लिए नही

सिर्फ तेरे लिए लिखता हूं

हमारी कहानी है ये


---- सुनिल शांडिल्य

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