ना मैं कोई शायर ना कवि
लिखता हूं मन के भाव
अपनी प्रेयसी की जुदाई
उसका प्रेम♥️
उन अनमोल पलों से रचता हूं
शब्दों का ताना बाना
पिरोता हूं उसे एक माला मे
लोग कहते फ़ालतू क्या क्या
उन्हे कैसे बताऊं
मै उनके लिए नही
सिर्फ तेरे लिए लिखता हूं
हमारी कहानी है ये
---- सुनिल शांडिल्य
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