Friday, August 20, 2021

 हुआ एहसास कि कितने खास है

किसी के लिये हम कितने पास है


जहाँ दूरी होकर भी दूरी नही

रूह को बस रूह की तलाश है


ढूँढती थी नजर जिस नजारे को

वो हमेशा अब आसपास है


सुकून की चाहत खींच लाई पनाह मे

क्या खूबसूरत एहसास है 


---- सुनिल #शांडिल्य

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