Sunday, August 8, 2021

 नेह का छोटा सा बसा एक गांव हो ।

भावना की घनेरी वहां छांव हो ।

हो हृदय का भवन प्यार की पवित्र-देहरी ।

जिस पे सुन्दर सुकोमल मेरी प्रिया  तुम्हारा पांव हो 


---- सुनिल शांडिल्य

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