मैं रूकने को कहूँ और तू रुक जाए ,
रब ने इतना खुशनसीब नही बनाया मुझे ।।
तुझे हाथ पकड़ कर रोक भी लूं ,
पर ये भी तो मेरी तदबीर नही ।।
गुज़रेंगे दिन कैसे तुमबिन
मेरे पास तेरी कोई तस्वीर भी तो नहीं ।।
---- #शांडिल्य
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