Thursday, September 2, 2021

 काश.,

तेरे इश्क़ के समंदर में गोते लगाता

तेरी बाहों में सो पाता


तेरी शबनमी आँखो में खो जाता

शब्द रूपी माला में तुम्हें गूंथता रहता


काश_तुम होती है मैं होता और वक़्त होता

इन ज़ुल्फ़ों की घनेरी रातों में सोता


तेरे गोद में सर रख के

ख़यालों में खोता काश....,


---- #शांडिल्य

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