है चित्रित तू
मैं हूं रेखाक्रम
..मधुर राग तू
मैं स्वर संगम
..तू असीम मैं
सीमा का भ्रम
..काया छाया
में रहस्यमय
प्रेयसी प्रियतम का
अब अभिनय क्या ?
तेरे उर पे है जब
..नाम मेरा तो
चलो डूबे आकंठ
प्रेम की सरिता में
इक दूजे संग हम बंध जाए
जन्म - जन्म के बंधन में ।।
---- सुनिल #शांडिल्य
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