Friday, September 10, 2021

 है चित्रित तू

मैं हूं रेखाक्रम


..मधुर राग तू 

मैं स्वर संगम


..तू असीम मैं

सीमा का भ्रम


..काया छाया

में रहस्यमय


प्रेयसी प्रियतम का

अब अभिनय क्या ?


तेरे उर पे है जब

..नाम मेरा तो


चलो डूबे आकंठ

प्रेम की सरिता में


इक दूजे संग हम बंध जाए

जन्म - जन्म  के  बंधन  में ।।


---- सुनिल #शांडिल्य

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