सुनो....
अब न करेगे तुमसे सवाल कोई
तुम भी न देना अब जवाब कोई
वरना समझेगा यू इश्क हर कोई
उंगली न उठे तुमपे बेवजह कोई
शक का नही है यहा इलाज कोई
न लिखे तेरे लफ्ज़ से लफ्ज़ कोई
किन गुनाहों की सजा दे रहा कोई
वो मेरा था, फिर मेरा हुआ न कोई
---- सुनिल #शांडिल्य
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