Friday, September 17, 2021

 साँसो में उलझन

बातों में हिचकिचाहट


शब्द फंस रहे

दिल बेचैन सा


मन को फुरसत नही

ख्यालों से उनके


कानो में हवाएं

मधुर सरगम गा रही


बेवक़्त की बारिश

मुझे भिगों रही


लिखता नही मैं

अपने गीतों में उम्मीद


हर पंक्ति में अब

प्यास नज़र आ रही


अग़र है मुझे प्रेम तो

रब उन्हें भी अहसास कराए। 


---- सुनिल #शांडिल्य

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