तेरी याद बसी हैं मुझमें ऐसे
.. जैसे कोई पुराना खत
किताब की तह में रखी
.. जैसे सूखे गुलाब की खुशबू
भींगी सावन की बारिश से उठती
.. सोंधी मिट्टी की खुशबू
उन पुराने प्रेम पत्रों की
.. हर तह में हो तुम
तुमसे ये जो जुड़ा है मेरा रिश्ता
.. उसके हर अहसास में हो तुम ।।
#शांडिल्य
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