Thursday, October 14, 2021

 बिना झिझके उन्होंने

मुझसे निगाह मिलाया था


तो उनके गाल पर

रंग सुर्ख लाल आया था


मेरे चेहरे पर उनके

ज़ुल्फों का जाल आया था


इश्क के नशे की लत में

हमने खुद को तब डुबोया था


गुलाबी कुर्ता पीला दुपट्टा

लबों पे लाली,माथे को बिंदी से सजाया था


तब हुस्न उनपर क्या

कमाल आया था ।


---- सुनिल #शांडिल्य

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