बिना झिझके उन्होंने
मुझसे निगाह मिलाया था
तो उनके गाल पर
रंग सुर्ख लाल आया था
मेरे चेहरे पर उनके
ज़ुल्फों का जाल आया था
इश्क के नशे की लत में
हमने खुद को तब डुबोया था
गुलाबी कुर्ता पीला दुपट्टा
लबों पे लाली,माथे को बिंदी से सजाया था
तब हुस्न उनपर क्या
कमाल आया था ।
---- सुनिल #शांडिल्य
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