Friday, October 15, 2021

 मै जब भी तुम्हे सोचता हूं.....

मेरी आत्मा त्याग कर मुझे ....

चली जाती है तुम्हारे संग.....

आँखें बन्द,चेतना शून्य, 

मैं प्रतीक्षारत 

कि कब चूम लो मेरी आत्मा 

और

मैं फिर चैतन्य हो जाऊं...

तुम्हे सोचने के लिए......................


---- सुनिल #शांडिल्य

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