Thursday, October 21, 2021

 रात रानी की फूल सी तुम हो महकती ,

होंठो पर आई मेरे मद्धम मद्धम मुस्कान ।


फ़िज़ाओं में है कशिश की ताज़ी उमंग ,

बारिश की बूंदों में है प्यार की मधुर तरंग ।


तुझे देख ज़ुबा पर ठहरा बस इक तेरा नाम ,

धड़कनों की ज़ुबा कहे चलूं संग मेरी सजनी ।।


---- सुनिल #शांडिल्य

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