रात रानी की फूल सी तुम हो महकती ,
होंठो पर आई मेरे मद्धम मद्धम मुस्कान ।
फ़िज़ाओं में है कशिश की ताज़ी उमंग ,
बारिश की बूंदों में है प्यार की मधुर तरंग ।
तुझे देख ज़ुबा पर ठहरा बस इक तेरा नाम ,
धड़कनों की ज़ुबा कहे चलूं संग मेरी सजनी ।।
---- सुनिल #शांडिल्य
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