बदल रहा मौसम भी रंग
बदल गए है साथी वो संग
रंगे जो साथ मेरे हर रंग
खामोशिया दे गए हमे संग
बोझल हुए जिन्दगी के रंग
अहसासों में नही जो तुम संग
हमदम थे तुम मेरे हर रंग
खोया जाने कहा अब वो संग
तन्हा हुए जिन्दगी के रंग
दर्द ही दर्द नही रहा हमदर्द संग
---- सुनिल #शांडिल्य
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