Monday, November 8, 2021

 सांस रुक जाए

मगर आंखें कभी बंद न हो


मौत आए भी तो

तुझे देखने की जिद खत्म न हो


तेरे लिए है ये दुआ मेरी

मेरे खातिर कोई भी जख्म न हो


जिन चिरागों को जलाने को आग नही

उन लाशों पर कभी जुगनुओं का जश्न न हो


जिंदगी तुमसे मेरा खून का रिश्ता

मगर ऐसे रिश्तो में कभी जन्म न हो ।।


---- सुनिल #शांडिल्य

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