Tuesday, December 14, 2021

 गुजरा जो इक जमाना तेरे साथ मे

दुनिया से पर्दा रहे रूहानी साथ मे


हमदम,हमराज,खुदा जैसे साथ मे

कभी खुशी,कभी गम रोये साथ मे


बिछुड़े फिर न मिले कभी साथ मे

रहते हो फिर भी हमारी हर सांस में


कभी यादों के गहराये हुए बवंडर में

संजोया है तुमको इश्क-ए-लफ्ज़ो में


--- सुनिल #शांडिल्य

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