दिल के तमाम एहसास लिख दूं
तेरे इश्क़ में कुछ खास लिख दूं
अबतक जो बुझ ना सकी
जन्मों की वो प्यास लिख दूं
मेरी नज़्म के साथ बज रहे
इश्क के सुरीले साज़ लिख दूं
पाने को तुझे करते हैं रात दिन
रब के दर की वो फरियाद लिख दूं
इश्क़ सोच कर किया नहीं तुझसे
तेरे नाम सारी कायनात लिख दूं
---- सुनिल #शांडिल्य
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