लफ्ज़ और शब्द
क्या समझे खामोशी की भाषा
बिन कहे कह जाती
खामोशी अपने मन की भाषा
टूटा जो इश्क में
पूछो उसे खामोशी की भाषा
खामोशी क्या होती
समुंदर से गहरी जिसकी आशा
निराशाओं से निकल
सीखी है उसने खामोशी भाषा
---- सुनिल #शांडिल्य
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