Thursday, January 13, 2022

 गुफ्तगू उनकी उन रातो की

यादे बन रह गई मेरे दिल की


मस्तानी चाय अल सुबह की

तदबीर बन गई मेरे ख्यालों की


वो रूहानियत उनके इश्क की

रवानीयत बन गई अहसासों की


बेरुखी दरमियां उनकी वफ़ा की

नीर बन गए मेरी जलती आँखों की


लिखू कहानी जो उनके अहसास की

जाने कहा से भर लाती पलके अश्क की 


---- सुनिल #शांडिल्य

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