Wednesday, January 19, 2022

 हर किसी को इक पहचान चाहिए

"कंगूरे" सा खुद का  निमार्ण चाहिए


नींव सा पत्थर अब किसे चाहिए?

सबको सुर्खियों में पहचान चाहिए


सबको सिर्फ दौर-ए-ख़्वाब चाहिए

मजबूत नींव भला  किसे चाहिए?


झूठे ख्वाबो की सी तदबीर चाहिए

वास्ता-ए-हकीकत अब किसे चाहिए?


---- सुनिल #शांडिल्य

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