Friday, January 21, 2022

 लफ्ज़ जब रूह से निकलते है

समुंदर अहसासों के पिघलते है


ये जो दर्द फेसबुक पर बिखेरते है

रिवाजो के बंधन टूटने से डरते है


यू ही नही बदल कर नाम रखते है

नाम मे 'खास' की पहचान रखते है


रूह में रह कर भी अनजाने रहते है

ये वो रिश्ते है जो अहसासो में रहते है


---- सुनिल #शांडिल्य

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