मेरे शब्दों का कोई है मोल नही
मेरे लफ़्ज़ों की तू मोहताज नही ।
चाहे लिख दूं मैं तुझपे कितना भी
जो तू कल थी, है वो आज नहीं ।
करता हूं मैं अब इस कोरे कागज़ से प्यार
सारे दर्द बयां करता हूं अब यही मेरा संसार ।।
---- सुनिल #शांडिल्य
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