Sunday, January 9, 2022

 चन्द लकीरों की गिरफ्त में है जिन्दगी

किसने देखा कल क्या हो यह जिन्दगी


दरमियां दो साँसों के झूल रही जिन्दगी

किसे पता कब आखरी हो सांस जिन्दगी


चन्द रिश्ते है खास समीप रूह के जिन्दगी

फ़लसफ़ा न करे भुला कर उनको जिन्दगी


---- सुनिल #शांडिल्य

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