झलक जो देखी तेरी आँखों की
झलक थी उसमे बड़े गहरे दर्द की
झलक तेरे अहसास-ए-दर्द की
झलक कशिश बन गई मेरे दिल की
झलक तेरी वो पहली नज़र की
झलक ख़्वाब बन गई जिन्दगी की
झलक तेरी फिर से वह पाने की
झलक चाहती है नज़रे तेरे दीदार की
---- सुनिल #शांडिल्य
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