Wednesday, February 2, 2022

 मुक्ति को बंधनों की 

कामना भी भाएगी कैसे ? 


किसी की जुस्तजू में 

जिंदगी यह गाएगी कैसे ? 


कोई भी जीत दुनिया की

कभी अंतिम नही है,पर


जो खुद को जीत ले,

दुनिया उसे हराएगी कैसे ?? 


---- सुनिल #शांडिल्य

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