Friday, February 4, 2022

 मेरे खामोश लब पे तुम

अपने ये दो चंचल लब रख


कहती हो कुछ बोलने को

निःशब्द हो जाता हूं


तेरे इन दो लबों को महसूस कर

कहना चाहता हूं बहुत कुछ


पर कह नही पाता कुछ

करता हूं महसूस तेरे वजूद को खुद में


शब्द नही अब तेरे मेरे दरम्यान

बस इक खामोशी और हम तुम


---- सुनिल #शांडिल्य

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